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त्रिकाल संध्या

त्रिकाल संध्या

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त्रिकाल संध्या क्या है?

    • “त्रिकाल” का अर्थ है – तीन समय। “संध्या” का अर्थ है – संधिकाल, यानी दिन और रात के मिलन का समय। इस प्रकार, त्रिकाल संध्या का अर्थ है – दिन में तीन बार की जाने वाली संध्योपासना।

गायत्री मंत्र (Trikal Sandhya का मूल मंत्र)

ॐ भूर् भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥
भावार्थ: हम उस परम तेजस्वी, ज्ञानस्वरूप, सर्वशक्तिमान परमात्मा का ध्यान करते हैं, जो हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें।

त्रिकाल संध्या के लाभ:

मानसिक शांति और आत्मनियंत्रण दिनचर्या में अनुशासन पाप-शुद्धि और पुण्य अर्जन सात्त्विक विचारों की वृद्धि ब्रह्मविद्या की ओर अग्रसरता ध्यान, योग और मंत्र शक्ति का जागरण