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"याज्ञवल्क्य शिक्षा" एक संस्कृत ग्रंथ है जो संस्कृत उच्चारण, स्वर, वर्ण, और शिक्षा वेदाङ्ग से संबंधित है। यह ग्रंथ वैदिक परंपरा के एक महान मुनि याज्ञवल्क्य द्वारा रचित माना जाता है।
"शिक्षा" वैद के छह वेदाङ्गों में से एक है, और यह मुख्यतः सही उच्चारण, स्वर (intonation), मात्रा, वर्ण-शुद्धता आदि की शिक्षा देता है।
याज्ञवल्क्य शिक्षा का महत्व
यह ग्रंथ वैदिक विद्यार्थियों के लिए शुद्ध उच्चारण का मार्गदर्शन देता है।
वेदों के अर्थ का संरक्षण सही उच्चारण से ही संभव है — यह शिक्षाग्रंथों की मूल भावना है।
"याज्ञवल्क्य शिक्षा" वेदाङ्ग शिक्षाओं में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाती है।
याज्ञवल्क्य शिक्षा" के लाभ