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विवाह

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विवाह और ज्योतिष

    • भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का पवित्र बंधन माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह से पूर्व कुंडली मिलान अत्यंत आवश्यक है। इसके माध्यम से वर और वधु के ग्रह-नक्षत्र, गुण मिलान, मंगलीक दोष, भावों की स्थिति आदि का गहराई से विश्लेषण किया जाता है। कुंडली मिलान से यह जाना जाता है कि दोनों का स्वभाव, सोच, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और संतान सुख में सामंजस्य रहेगा या नहीं। इसके साथ ही शुभ मुहूर्त में विवाह करने से दांपत्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य कुंडली मिलान, मंगलीक दोष निवारण और विवाह हेतु शुभ मुहूर्त निकालने की सेवा प्रदान करते हैं। यदि आप अपने विवाह को सुखद और सफल बनाना चाहते हैं, तो आज ही संपर्क करें।

विवाह में ज्योतिष का महत्व

विवाह जीवन का सबसे अहम निर्णय होता है, जिसमें साथी का सही चुनाव बहुत जरूरी है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कुंडली मिलान द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि वर-वधु के ग्रह-नक्षत्र आपस में अनुकूल हैं या नहीं। इसके अंतर्गत अष्टकूट मिलान, मंगलीक दोष जाँच, दशा-महादशा विश्लेषण और संतान सुख योग का विशेष अध्ययन किया जाता है।

कुंडली मिलान के लाभ

वैवाहिक जीवन में प्रेम और समझ बनी रहती है। स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और संतान सुख में सहयोग मिलता है। ग्रह दोषों की पहचान कर समय रहते उपाय किए जा सकते हैं। भविष्य में आने वाली संभावित समस्याओं से बचाव संभव है।